आस्था के पुरातन रास्ते लहूलुहान सारे हो गए
भगवान के घर मैं वो भगवान को प्यारे हो गए
( कुदरत के कहर का शिकार हुए तीर्थ यात्रियों को श्र द्रान्जली )
आज जम कर बरसेगी बरसात मेरे हिस्से की
सालों बाद जो आई है बरसात मेरे हिस्से की
दिन भर आपके हुस्न का जो सजदा किया है
कितनी सुहानी आई है यह रात मेरे हिस्से की
दुश्मन भी हार गए मेरे इसी अंदाज पर
मुझ से बड़ा मेरा उनको दुश्मन न मिला
भगवान के घर मैं वो भगवान को प्यारे हो गए
( कुदरत के कहर का शिकार हुए तीर्थ यात्रियों को श्र द्रान्जली )
आज जम कर बरसेगी बरसात मेरे हिस्से की
सालों बाद जो आई है बरसात मेरे हिस्से की
दिन भर आपके हुस्न का जो सजदा किया है
कितनी सुहानी आई है यह रात मेरे हिस्से की
दुश्मन भी हार गए मेरे इसी अंदाज पर
मुझ से बड़ा मेरा उनको दुश्मन न मिला