tag:blogger.com,1999:blog-8617085032236751625.post6357169638658783237..comments2023-05-27T16:22:32.410+05:30Comments on विनोद भावुक: सोशल मीडिया पर तो छाए पर सोशल कहां रह पाएfocus himachalhttp://www.blogger.com/profile/08108263125260605702noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8617085032236751625.post-33537529432380774752014-08-27T01:01:01.419+05:302014-08-27T01:01:01.419+05:30 अछी बात है अछी बात हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8617085032236751625.post-74223978289819418012014-03-28T20:05:07.725+05:302014-03-28T20:05:07.725+05:30बहुत सही कहा है भावुक जी, सोशल मिडिया पर छाने की क...बहुत सही कहा है भावुक जी, सोशल मिडिया पर छाने की कीमत सोशल न रह कर चुकानी पड रही है। व्यक्तिकेन्द्रिता की ओर ले जाने वाले इन माध्यमों से आ रही विकृतियों को भी समझना होगा। मानसिक रूप से आधुनिक हुए बगैर आधुनिकता का चोला ओढ लेना खतरनाक साबित हो सकता है।SHAMMIhttps://www.blogger.com/profile/11932325908610798727noreply@blogger.com