सरकार के बाद अब केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह कर रहे सुंदरनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की पैरवी
यहां खारिज हुआ प्रस्ताव, वहां मांगा ग़या जवाब
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने तकनीकी कारणों से रिजेक्ट किया है नेरढांगू का प्रस्ताव
पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त हुई थी सात सौ करोड़ की लागत से एयरपोर्ट बनाने की घोषणा
गेटवे ऑफ मनाली कहे जाने वाले मंडी की बल्ह घाटी के नेरढांगू में प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बेशक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने तकनीकी तौर पर खारिज कर दिया हो लेकिन केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह ने इस एयरपोर्ट की संभावनाओं को जिंदा रखने के लिए फिर से प्रयास शुरू कर दिए हैं। केद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लिखे पत्र में नेरढांगू में फिर से इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए सर्वे करने का अनुरोध किया है। केद्रीय इस्पात मंत्री का दावा है कि खराब मौसम के बीच इस साईट का सर्वेक्षण करवाया गया, यही कारण है कि एयरपोर्ट एथॉरिाटी ऑफ इंडिया ने तकनीकी रूप से इस प्रोजेक्ट को नकार दिया है। नेरढांगू में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की संभावनाएं खत्म होने के बाद जहां प्रदेश सरकार जहां कहीं दूसरी जगह इंटरनेशनल एयरपोर्ट की संभावनाएं तलाशने में जुट गई है, वहीं केंद्रीय इस्पात मंत्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सुंदरनगर में ही बनाने को लेकर आशावान है। गौरतलब है कि ज्यादा खर्च करने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त सुंदरनगर के नेरढांगू में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की घोषणा हुई थी। 700 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले इस ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट प्रोजेकट के लिए वर्तमान भाजपा सरकार की ओर से टेक्रो- इकॉनोमिक स्टडी करवाने के बाद रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी। इसके बाद एयरपोर्ट ऑफ इंडिया की टीम ने साइट का दौरा किया था। करीब सात साल की कवायद के एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने से हाथ खींच लिए थे। शिमला-सोलन में संभावनाएं सुंदरनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने की संभावनाएं क्षीण होने के बाद प्रदेश सरकार सोलन और शिमला में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की संभावनाओं पर विचार कर रही है। प्रदेश सरकार प्रदेश में एयर क्नेक्टिविटी बढाने के लिए प्राइवेट सेक्टर की मदद की घोषणा कर चुकी है। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक अरुण शर्मा कहते हैं कि प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्राइवेट प्लेयर की मदद ली जाएगी। कांगड़ा, कुल्लू- शिमला में विस्तारप्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार का खाका तैयार हो चुका है। प्रदेश में स्थित तीनों हवाई अड्डों गगल सिथत कांगड़ा हवाई अड्डा, कुल्लू स्थित भूंतर हवाई अड्डा और शिमला स्थित लुब्बड़ हट्टी हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए खाका तैयार कर दिया गया है। भंतर स्थित हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए ब्यास नदी की चैनलाइजेशन के लिए आईआईटी रुड़की से स्टड़ी करवाई गई है। इसके अलावा शिमला व कांगड़ा की हवाई पट्टियों को विस्तृत किया जा रहा है। बढ़ रही हवाई सफर की हसरत प्रदेश में हवाई सफर करने वाले सैलानियों की तादाद बढ़ रही है। वर्श 2008 में 30400 यात्री हवाई सफर कर प्रदेश में पहुंचे, जबकि 44701 यात्री प्रदेश से हवाई मार्ग से प्रदेश से बाहर गए। पिछले साल 47119 यात्री हवाई मार्ग से हिमाचल प्रदेश में पहुंचे जबकि 42926 यात्री यहां से हवाई सफर कर प्रदेश से बाहर गए। प्रदेश में आने वाले विदेशी सैलानियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की संभावनाओं को बल मिला है।
शिमला में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की संभावनाएं लताश की जा रही है। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्राइवेट सेक्टर की सेवाएं लेने का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की घोषणा।
प्रदेश के पहले इंटरनेशनल एयरपोर्ट की संभावनाएं अभी कम नहीं हुई हैं। इस बारे में फिर से सर्वे करवानेे के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से पत्र व्यवहार जारी है।
मंडी में पत्रकारवार्ता के दोरान केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह बोले।
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