उत्तराखंड की त्रासदी से उपजी पीड़ा
क्या सुनाएं मौत से उस साक्षात्कार के
नफरत में बह गए सब शब्द प्यार के
आफत की उस घडी में तो चोर ले उड़े
हर लाश की अंगुली से अंगुठी उतर के
गर्दिश के मौसम में तो हैवान बन गए
अजी छोडिये किस्से उनके ऐतवार के
चार दिन तो मीडिया भी खूब चिल्लाया
दस्तूर निभाए सबने ग्लोबल बजार के
दामन हर बार बचा के तुम निकल गए
सौ बार हमने परखा है तुमको पुकार के
मातम हर बार लिख दिया बरसात ने
रुत सावन की क्या सुर छेडें सितार के
विनोद भावुक
क्या सुनाएं मौत से उस साक्षात्कार के
नफरत में बह गए सब शब्द प्यार के
आफत की उस घडी में तो चोर ले उड़े
हर लाश की अंगुली से अंगुठी उतर के
गर्दिश के मौसम में तो हैवान बन गए
अजी छोडिये किस्से उनके ऐतवार के
चार दिन तो मीडिया भी खूब चिल्लाया
दस्तूर निभाए सबने ग्लोबल बजार के
दामन हर बार बचा के तुम निकल गए
सौ बार हमने परखा है तुमको पुकार के
मातम हर बार लिख दिया बरसात ने
रुत सावन की क्या सुर छेडें सितार के
विनोद भावुक
बहुत सुन्दर .................सही कहा आपने ...........
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