गुरुवार, 11 जून 2009

याद


चाहतों के मौसम
मेरे सवाल बाकि हैं,तेरे जबाब बाकि हैं।।
पिछले जनम के कुछ हिसाब बाकि हैं।।

आज भी जवान हैं चाहतों के मौसम
तभी तो किताबों मैं सूखे गुलाब बाकि हैं ।।
................भावुक ...............

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