अगर मैं निराश हूँ और तू भी बड़ा हताश है
तो इस दौर की व्यवस्था सबसे बकवास है
परों को काटने की साजिश भी क्या खूब है
उड़ने को बेशक यहाँ खुला सारा आकाश है
सरकारी नौकरी के लिए पिठू को आस है
उसी का चयन होगा जो नेता का खास है
गरीबी को तकनीक के दम पर छुपाया है
विज्ञापन में हर जगह दिखता विकास है
जुबान पर हैं उनकी बेरोजगारी के आंकड़े
मंत्री की वाणी में सुनो कितनी मिठास है
तो इस दौर की व्यवस्था सबसे बकवास है
परों को काटने की साजिश भी क्या खूब है
उड़ने को बेशक यहाँ खुला सारा आकाश है
सरकारी नौकरी के लिए पिठू को आस है
उसी का चयन होगा जो नेता का खास है
गरीबी को तकनीक के दम पर छुपाया है
विज्ञापन में हर जगह दिखता विकास है
जुबान पर हैं उनकी बेरोजगारी के आंकड़े
मंत्री की वाणी में सुनो कितनी मिठास है
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें