सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

मंदिर के निर्माण के लिए बलि चढ़े पेड़ कमलाह फॉरेस्ट रेंज में उड़ार्ठ गई फॉरेस्ट नियमों की धज्जियां विभाग की अनुमति बिना वन विभाग की जमीन पर हो रहा निर्माण आरटीआई ब्यूरो, मंडी सरकाघाट की कमलाह फॉरेसट रेंज में बाबा कमलाहिया के मंदिर के निर्माण में दर्जनों पेड़ों की बलि दे दी गई है, जबकि दर्जनों अन्य पेड़ों को उखाडऩे की तैयारी की जा चुकी है। यहां वन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए विभाग की बिना अनुमित से निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। निर्माण कार्य के निलकने वाली मिट्टी और कचरे को सरेआम वन क्षेत्र में फैंका जा रहा है, जिसके चलते कई छोटे पौधों का वजूद भी खतरे में है। यह निर्माण कार्य स्थनीय मंदिर कमेटी की ओर से करवाया जा रहा है। हैरानी तो इस बात की है कि इस मंदिर की सरकारी कमेटी में वन मंडल अधिकारी जोगेंद्रनगर भी सदस्य हैं, बावजूद इसके वन विभाग की जमीन पर गैर कानूनी ढंग से निर्माण कार्य जारी है। वन विभाग की जमीन पर बिना अनुमित के शौचालय और उसके टैंक का निर्माण किया गया है। धडल्ले से जारी इस अवैध निर्माण को लेकर आरटीआई ब्यूरो के सदस्य भूपेंद्र सिंह भरमौरिया ने वन विभाग के उच्च अधिकारियो और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से की है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि जिस तरह विकास की अंधी दौड़ में वन परिक्षेत्र में वन नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, आलम यही रहा तो यहां के वनों का वजूद खत्म हो जाएगा। उन्होंने इस अवैध निर्माण की उच्च स्तरीय जांच करवा कर आरोपियों के खिलाफ कउ़ी कार्रवाई करने की मांग की है। वन भूमि पर बन गई तीन सड़केें वन विभाग से की गई शिकयत में भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि क्षेत्र में वन विभाग की भूमि पर बिना वन विभाग की अनुमति से तीन सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। इस बारे में खुलासा होने के बावजूद वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उनका कहना है कि लिंक रोड़ नगैणी, लिंक रोड़ ब्रैहल और लिंक रोड़ नरवालका से हलोन सड़क का निर्माण वन विभाग की जमीन पर हुआ है और इस निर्माण कार्य में भी पेड़ों की बलि ली गई है। एडवोकेट भूपेंद्र सिंह, मेंबर आरटीआई ब्यूरो का कहना है कि कमलाह फॉरेसट रेंज में मंदिर निर्माण में सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां तीन सड़क मार्गों का निर्माण भी वन विभाग की भूमि पर बिना विभाग की मंजूरी से हुआ है। इस सारे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस बारे मेें डीएफओ जोगेंद्रनगर अजीत ठाकुर, का कहना है कि मामला ध्यान में आया है। अगर यह निर्माण कार्य अवैध तरीके से हो रहा है तो इस मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर निर्माण काय्र वन विभाग की बिना अनुमति के किए जा रहे हें तो आरोपियों के खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा।

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