शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

शिमला का चौकीदार, मंडी राजमहल का खरीददार

मंडी में हुए बेनामी सौदे की जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया चालान
शिमला का चौकीदार, मंडी राजमहल का खरीददार

पुलिस ने अपनी फाइनल रिपोर्ट में सात लोगों को बनाया गया आरोपी

शिमला का एक अदना सा चौकीदार खूब राम मंडी राज परिवार की लाखों की प्रापटी के खरीद लेता है। आरटीआई में जब इस सौदे की परतें खुलती है तो करोड़ों के इस बेनामी सौदे का पटाक्षेप हो जाता है। खूब राम तो एक मोहरा है जिसके सहारे करोड़ों की इस प्रापर्टी का बेनामी सौदा हो रहा था। मंडी राजमहल के करोड़ों के बेनामी सौदे में मंडी पुलिस ने जांच पूरी कर सीजेएम कोर्ट मंडी में चालान पेश कर दिया है। पुलिस ने अपनी फाइनल रिपोर्ट में सात लोगों को इस बेनामी सौदे में विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी करार दिया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 465, 201,182, 120 बी और बेनामी ट्राजेंक्शन प्रोहिविसन एक्ट 1998 की धारा 3 के तहत मामले बनाए हैं।
स्पेशल केस: स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम
3 साल पहल मंडी के राजमहल के बेनामी सौदे की मीडिया में सुर्खियां बनी थी। इस बारे में तत्कालीन डीसी मंडी ओंकार शर्मा के आदेश के बाद एसपी मंडी एम चंद्रशेखर ने सिटी चौकी प्रभारी चेतराम भंगालियां से आरंभिक जांच करवाई । आरंभिक जांच में बेनामी सौदे का सच सामने आने और कम स्टंप डयूटी देकर सरकार को लाखों का चूना लगाने के मामले का खुलासा होने पर स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम गठित की गई। तत्कालीन डीएसपी सुंदरनगर गुरदेव , एसएचओ सदर राजेश कुमार और सिटी चौकी प्रभारी चेतराम इस टीम में शामिल थे। स्पेशल इनवेस्टिगेंशन ने इस मामले की जांच पूरी कर चालान पेश किया।
प्रापर्टी की डील में यूपी कनेक्शन
इस मामले में जहां प्रापर्टी का खरीददार शिमला के एक स्कूल में बतौर चौकीदार नौकरी करने वाला खूब राम था, तो ख्ूाब राम में नाम पर पैसा दिखाने के लिए जिस व्यक्ति के साथ खूब राम के शिमला स्थित मकान का फर्जी सौदा दिखाया गया, वह सुधीर मलिक उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर का रहने वाला है। सात आरोपियों में वह भी एक आरोपी है।
लडक़ी के बलबूते डील
पुलिस के चालान में आरोपी नंबर सात देवेंद जम्वाल के पास राजमहल की प्रापर्टी की पावर ऑफ अनार्टी थी, हालांकि पुलिस जांच के अनुसार सौदे के पहले ही वह रद्द हो चुकी थी। पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस सौदे के पीछे देवेंद्र जम्वाल को शादी का झांसा दिया गया था। जांच के अनुसार देवेंद्र जम्वाल इस प्रापर्टी का सौदा अपने होने वाले ससुर से कर रहा था।
प्रापर्टी और पॉलीटिकल कनेक्शन
जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस प्रापर्टी को तोड़ कर शॉपिंग माल बनाने की योजना था। रिपोर्ट कहती है कि सदर के विधायक अनिल शर्मा ने आरोपियों को एक पचास लाख का क्रास चैक, 25 लाख का एक अन्य चैक और दस लाख का तीसरा चैक दिया था। इतना ही नहीं उनकी पत्नी के खाते से भी 37.5 लाख का एक चैक आरोपियों को दिया गया था। हालाकि इस बेनामी सौदे में उन्हें पुलिस ने आरोपी नहीं बनाया है।
राजदेवता माधोराय का सौदा
इस बेनामी सौदे की गूंज इसलिए ज्यादा सुनाई दी क्योंकि इसी इमारत मे मंडी के राज देवता माधोराय का मंदिर है। इस मंदिर के साथ शहर ही नहीं, बल्कि सारे जनपद के लोगों की आस्था जुड़ी है। मंडी में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले में जनपद से आने वाले सैंकड़ों देवता यहां आकर शीश नवाते हैं।
मिली जान से मारने की धमकी
इस मामले का पटाक्षेप करने वाले आरटीआई के एक्टिविस्टों को जान से मारने की धमकी भी आरोपियों की ओर से दी गई। इस संदर्भ में एसपी मंडी से लिखित शिकायत के बाद सदर थाना मंडी में मामला दर्ज हुआ है।
इन पर है राजमहल के बेनामी सौदे के आरोप
नाम आरोप गिरफ्तार
खूब राम 465, 120 बी आईपीसी, 29. 8. 2008
सेक्सन 3 ऑफ बेनामी एक्ट
सुधीर मलिक 465 आर्अपीसी 20.9. 2008
सुरेंद्र सिंह देष्टा 465, 120 बी आईपीसी 12. 11. 2008
संजय कुमार 465, 120 बी आईपीसी 12. 11. 2008
रूप लाल 182, 201, 465,120 बी आईसी 11. 11. 2008
संजय कुमार सेक्सन 3 ऑफ बेनामी एक्ट 16.10. 2008
देवेंद्र जम्वाल 409 आईपीसी 14.1.2009

पुलिस ने जांच में कई आरोपियों के खिलाफ जांच नहीं की है। इस बेनामी सौदे में जिस रसूखदार राजनीतिज्ञ का लाखों रूपए लगा, उससे पूछताछ तक नहीं की गई है।
लवण ठाकुर,प्रदेश संयोजक, आरटीआई ब्यूरो, मंडी, जिन्होंने आरटीआई से मामले का पटाक्षेप किया

राजमहल के बेनामी सौदे के मामले में पुलिस ने जांच पूरी कर कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। सीजेएम कोर्ट में चालान 26 अप्रैल को पेश किया गया है।
पीडी प्रसाद, एसपी मंडी ।

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