सोमवार, 11 अप्रैल 2011

उस पीपल की छांव के लिए



उस पीपल की छांव के लिए
पीपल हमारी जिंदगी में देवता की तरह शामिल है। देवभूमि कहे जाने वाले प्रदेश में देव वृक्ष की अकाल मौत पर सरकार मौन है ओर जनता मुखर। पीपलों को बचाने की मुहिम में भास्कर प्रदेश केू लोगों के साथ है। आखिर जिंद है प्रदेश की धरोहरों को बचाने की। 11 अप्रैल 2011 को दैनिक भास्कर के मुख्य पेज पर प्रमुखता के साथ पीपलों की पीर को उजागर किया गया। काय्रकारी संपादक श्री कीर्ति राणा की प्रतिक्रिया बिल्कुल सटीक थी।

1 टिप्पणी :