गुरुवार, 27 अक्तूबर 2011

भारत में तिरंगे का कारोबार कर रहा चीन


उत्सव के मौसम में बाजार में उतारे मेड इन चीन लाईट वाले भारत के राष्ट्रीय ध्वज
भारत में तिरंगे का कारोबार कर रहा चीन
220 वोल्टेज वाले 240 बरीक रोशनियों वाले तिरंगे बेचने पर मचा बवाल

पड़ोसी देश चीन ने हमारे देश में तिरंगे बेचने का कारोबार शुरू कर दिया है। उत्सव के मौसम में लाईट वाले मेड इन चाईना वाले तिरंगे बाजार में पहुंचने से हडक़ंप मच गया है। 220 वोल्ट और 240 बरीक रोशनियों वाले तिरंगों के बाजार में बिकने पर जहां रिडायर्ड फौजियों में जबरदस्त रोष है, वहीं इस बात की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन में भी हडक़ंप मच गया है। इस संदर्भ में जिला प्रशासन ने जिला पुलिस को सारे मामले की पड़ताल करने और वास्तुस्थिति का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को इस संदर्भ में भारत पाक युद्व में महावीर चक्र विजेता सूबेदार कांशी राम, 1965 के भारत पाक युद्व में भाग ले चुके पूर्व सैनिक पूर्ण चंद और वीरचक्र विजेता सैनिक प्रेम सिंह के बेटे लक्षमेंद्र गुलेरिया ने इस मामले को अति संवेदनशील बताते हुए कड़ी आपत्ति जताते हुए इस सारे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उधर इस मामले की भनक लगते ही एसडीएम मंडी विनय कुमार ने कहा है कि इस बारे में पड़ताल करवाई जा रही है।
चीन चल रहा है चाल
पूर्व सैनिकों ने आरोप लगाया है कि चीन की ओर से भारत पर चारों तरफ से दबाव बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण व संवेदनशील मुद्दा बन गया है। लद्दाख में हैलीकॉप्टर से सैनिक उतार कर चीन की फौज के लाल निशान पोतना हमारी प्रतिरक्षा को चुनौती है। भारत के अजात शत्रु समझे जाने वाले दुश्मन देश पाकिस्तान को चीन क्यों परमाणु तकनीक दे बैठा। पाक अधिकृत कश्मीर में चीन के सैनिक की मौजूदगीचुनौती पेश कर रही है।चीन एक ओर आंखें तरेर रहा है तो दूसरी ओर भारत के आर्थिक तंत्र को नष्टï करने में चीन का मुख्य रोल है। यह कम दुर्भागय्पूर्ण नहीं कि भारत का राष्टï्रीय ध्वज तिरंगा भी चीन से बनकर भारत के बाजारों में बिक रहा है।
कोट्स
भारत के राष्ट्रीय ध्वज को चीन में निर्मित कर भारत के बाजार में बेचना न केवल संवेदनशील मुद्दा है बल्कि भारत में बढ़ते चीन के दखल का सबूत भी है।
सूबेदार कांशी राम, 1962 के चीन पाक युद्व में महावीर चक्र विजेता
कोट्स
भारत के पूर्व के अनुभव साफ खुलासा करते है कि चीन ने न केवल पंचशील के सिद्वांतों के साथ खिलबाड़ किया, बल्कि हिंदी- चीनी भाई- भाई के नारे को भी बदनाम किया।
पूर्ण चंद, 1965 के युद्व में भाग लेने वाले पूर्व सैनिक
कोट्स
आखिर चीन को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के भारत में कारोबार का अधिकार किसने दिया। दस सारे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
लक्षमेंद्र गुलेरिया, वीरचक्र विजेता प्रेम सिंह के बेटे एवं मंडी बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य।
कोट्स
इस संदर्भ में हमें मीडिया से ही सूचना मिली है। जिला पुलिस को इस संबंध में सारा पता लगाने के निर्देश जारी किए गए है।
विनय कुमार, एसडीएम मंडी।

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