उनको हमसे यही इम्तहान चाहिए।
परों को काट कर उड़ान चाहिए।।
कौन असली और कौन नकली है।
इस दौर में सबकी पहचान चाहिए।।
मिटने को न जाने कितने भगत सिंह।
कौम का भी इक फरमान चाहिए ।।
मौत तभी तय होगी बोला दरोगा यूं।
सबूत चाहिए और निशान चाहिए।।
परों को काट कर उड़ान चाहिए।।
कौन असली और कौन नकली है।
इस दौर में सबकी पहचान चाहिए।।
मिटने को न जाने कितने भगत सिंह।
कौम का भी इक फरमान चाहिए ।।
मौत तभी तय होगी बोला दरोगा यूं।
सबूत चाहिए और निशान चाहिए।।
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