शनिवार, 29 जून 2013

उत्तराखंड की त्रासदी से उपजी पीड़ा

उत्तराखंड की त्रासदी से उपजी पीड़ा 

क्या सुनाएं मौत से उस साक्षात्कार के 
नफरत में बह गए सब शब्द प्यार के 
आफत की उस घडी में तो चोर ले उड़े 
हर लाश की अंगुली से अंगुठी उतर के 
गर्दिश के मौसम में तो हैवान बन गए 
अजी छोडिये किस्से उनके ऐतवार के 
चार दिन तो मीडिया भी खूब चिल्लाया 
दस्तूर निभाए सबने ग्लोबल बजार के 
दामन हर बार बचा के तुम निकल गए
सौ बार हमने परखा है तुमको पुकार के
मातम हर बार लिख दिया बरसात ने
रुत सावन की क्या सुर छेडें सितार के
विनोद भावुक

1 टिप्पणी :