मंगलवार, 26 जनवरी 2016

वो फिर मिले, कुछ लोग जले ........

वो फिर मिले, कुछ लोग जले ........
वो फिर मिले
मुस्कराते हुए
कुछ छुपाते हुए
दूर हुए शिकवे गिले
खूब घुले मिले
पर होंठ सिले
कुछ लोग जले
नहीं उतरी बात गले
पर यह सच है
बहुत कुछ भूल जाने
नया कुछ रचाने
वो फिर मिले .

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