बुधवार, 28 अप्रैल 2010

एडीएम कुल्लू को हजार रूपए जुर्माना

एडीएम कुल्लू को हजार रूपए जुर्माना
सूचना मांगने के बदले ज्यादा पैसे वसूलने पर मंडी उपभोगता फोरम के आदेश
शिकायतकर्ता को मिलेगा पांच सौ रूपए हर्जाना, वकील को मिलेंगे पांच सौ रूपए

सूचना अधिकार कानून के तहत आवेदक को सूचना देने में निर्धारित दरों से ज्यादा पैसे वसूलने पर मंडी उपभोगता फोरम ने एडीएम एवं जन सूचना अधिकारी कुल्लू आर के पुर्थी को एक हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है। उपभोगता फोरम मंडी के अध्यक्ष सुशील कुकरेजा ने अपने फैसले में कहा है कि एडीएम कुल्लू एक माह के अंदर आवेदक को बतौर हर्जाना पांच सौ रूपए अदा करे, वहीं पांच सौ रूपए बतौर केस खर्च अदा करे। आवेदक लवण ठाकुर की ओर से इस मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता रवि राणा ने की। जन सूचना अधिकारी को उपभोगता फोरम की ओर से सजा देने का अपनी तरह का यह पहला मामला है।
२६ पृष्ठों के मांग लिए २६० रूपए
आरटीआई ब्यूरो के संयोजक लवण ठाकुर ने एडीएम कुल्लू एव जनसूचना अधिकारी कुल्लू से नवबंर २००८ में सूचना अधिकार कानून के तहत सूचना मांगी थी। जन सूचना अधिकारी की ओर से आवेदक को पत्र लिख कर सूचित किया गया कि मांगी गई सूचना २६ पृष्ठों की है, जिसके लिए आवेदक को २६० रूपए जमा करवाने पड़ेगे। जनसूचना अधिकारी की ओर से इसके अतिरिक्त ३५ रूपए डाकखर्च के तौर पर मांगे। आवेदक ने २९५ रूपए जनसूचना अधिकारी के पास जमा करवा कर सूचना हासिल कर ली। ९९ हजार हर्जाने का किया दावा
निर्धारित दरों से ज्यादा पैसे वसूलने पर आरटीआई ब्यूरो के संयोजक लवण ठाकुर ने उपभोगता फोरम मंडी के पास अपील की। आवेदक ने ज्यादा पैसे वसूलने पर जन सूचना अधिकारी के खिलाफ ९९ हजार हर्जाने का दावा किया। दस बीच जन सूचना अधिकारी ने ज्यादा वसूल की गई राशि लौटाने के लिए जन सूचना अधिकारी ने आवेदक को २०८ रूपए का चैक भी जारी कर दिया, लेकिन आवेदक ने उसे कैश नहीं करवाया।
मीका बचे, साहब फंसे
कुल्लू दशहरा की स्टार नाइट में अपना प्रोग्राम देने आए पंजाबी पॉप गायक मीका द्वारा कार्यक्रम के दौरान गाने की जगह सीडी पर लिप्सिंग करने के आरोप लगे थे। यह मामला मीडिया में उछला तो आरटीआई ब्यूरो मंडी ने कुल्लू प्रशासन की ओर से सूचना मांगी कि लिप्सिंग करने पर मीका के खिलाफ या कार्रवाई की। प्रशासन ने इस बारे में जांच के लिए कमेटी गठित की। मीका तो कार्रवाई से बच गए लेकिन ज्यादा पैसे वसूलने के चक्कर में एडीएम फंस गए।
कोटस

जन सूचना अधिकारी आवेदक को पांच सौ रूपए बतौर हर्जाना अदा करे। इसके अलावा पांच सौ रूपए कोर्ट केस के तौर पर दे। यह राशि जन सूचना अधिकारी एक माह के अंदर अदा करे।
सुशील कुकरेजा, अध्यक्ष उपभोगता फोरम मंडी के आदेश।

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