रविवार, 20 जनवरी 2013

कामयाबी का हर सिला खुद को सलाम लेगा। नाकामी की हर दास्तां लिख मेरे नाम देगा।।

जो जो पास था, उसका एहसास न था।
जो दूर रहा, उसी का फितूर रहा।।


हंसी लवों पर दिल में गम है, यह कैसा दीवानापन है। 
सबके दिल के इक कोने में, कोई न कोई खालीपन है।।


वो जो हमें जागने की बद्दुआ दे गए।
सुना है नींद में वो भी बुड़बुड़ाते हैं।।


कई बार इश्क में ऐसा भी होता है, सुन लो।
बात दिल की कहने में सदियां गुजर जाती हैं।।


फितरत भी शराफत भी।
नफरत भी मुहब्बत भी।।
धूप-छांव जिंदगी में।
है आफत भी राहत भी।।


इधर मैं रोता रहा, उधर वह रोती रही।
ताउम्र मेरे नसीब में बारिश होती रही।।



लोग कहते हैं कि ये मेरी बात बचकानी है।
मेरा दावा कि दूध का दूध पानी का पानी है।।
इस हकीकत संग कि इक दिन मौत आनी है।
मेरी जिंदगी तेरे इश्क में और भी रूमानी है।।



मेरे लव पर नाम तेरा इक दुआ हो जाएगा
यह पता है एक दिन तूं जुदा हो जाएगा।।
अमीर के पांव पड़े हैं गरीब की बस्ती में,
पैसों की चमक से वह खुदा हो जाएगा।।


कामयाबी का हर सिला खुद को सलाम लेगा।
नाकामी की हर दास्तां लिख मेरे नाम देगा।।

कोई टिप्पणी नहीं :

एक टिप्पणी भेजें