फुर्सत में लिखा है, शिद्दत से पढऩा।
इश्क का किस्सा है, मुहब्बत से पढऩा।।
कुछ दिन तो बसो मेरी आंखों में,
फिर ख्वाब अगर हो जाओ तो क्या।
कुछ दिन तुम्हें सिमरू मैं सांसों में,
फिर ख्वाब अगर हो जाओ तो क्या।।
कुछ दिन तो मेरे साथ चलो,
हाथों में थामे हाथ चलो
कुछ लम्हें गुजारो बातों में,
फिर ख्वाब अगर हो जाओ तो क्या।।
कुछ दिन तो..
इश्क का किस्सा है, मुहब्बत से पढऩा।।
कुछ दिन तो बसो मेरी आंखों में,
फिर ख्वाब अगर हो जाओ तो क्या।
कुछ दिन तुम्हें सिमरू मैं सांसों में,
फिर ख्वाब अगर हो जाओ तो क्या।।
कुछ दिन तो मेरे साथ चलो,
हाथों में थामे हाथ चलो
कुछ लम्हें गुजारो बातों में,
फिर ख्वाब अगर हो जाओ तो क्या।।
कुछ दिन तो..
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