बुधवार, 20 अप्रैल 2016

उसका पाला अपनों से पडा होगा.............................


कम पढ़ा होगा, ज्यादा कढ़ा होगा
तभी तो हालात से खूब लड़ा होगा
वो हर बार झुक कर बात करता है
मुमकिन है उसका कद बड़ा होगा
भड़क उठता है आदाब कहने पर
वो स्वभाव से ही चिडचिड़ा होगा
ऊँची इमारतो के तेरे शाहर में भी
सूरज तो हर छत पर चढ़ा होगा
बुत को तराश कर खुदा बना दिया
हीरा कोयले की खान मैं पडा होगा
निकला फिर से राम वनवास पर
उसका पाला अपनों से पडा होगा
दरबार में सच कहने पर अडा रहा
उसने किसी कबीर को पढ़ा होगा
फिर यही सोच कर हुआ 'भावुक'
तन्हा राह में साथी कोई खडा होगा

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