तेरे हसीं चेहरे पर मेरी सुल्तानी हो जाए
मेरा जो वजूद मिटटी मुल्तानी हो जाए
सोचो गर सच्ची यह झूठी कहानी हो जाए
छू कर तू मुझको परियों की रानी हो जाये
देश की इस सियासत को गहरे से खोलिए
भारत मां की जय संग, जय भीम बोलिए
तू याद रख या भूल मुझे
तेरी हर अदा कबूल मुझे
तुझसे इक मुलाक़ात हुई
जग लगता है फिजूल मुझे.
इस तरह भी तो कई दोस्त दलदल में गए
कोई इस दल में गए, कोई उस दल में गए
पिता से हौसला, मां से दुआ मिले
इस तरह भी हर घर में खुदा मिले
बचपन चुरा के आती हो
बुढ़ापे से हार जाती हो
नादानी का नाम जवानी
खुद पे क्यों इतराती हो
वो जो सियासत की आड़ में हैं।
सब के सब अपने जुगाड़ में हैं।।
चंबल मुफ्त में बदनाम,डाकू तो।
कुछ संसद में कुछ तिहाड़ में हैं।।
मेरा जो वजूद मिटटी मुल्तानी हो जाए
सोचो गर सच्ची यह झूठी कहानी हो जाए
छू कर तू मुझको परियों की रानी हो जाये
देश की इस सियासत को गहरे से खोलिए
भारत मां की जय संग, जय भीम बोलिए
तू याद रख या भूल मुझे
तेरी हर अदा कबूल मुझे
तुझसे इक मुलाक़ात हुई
जग लगता है फिजूल मुझे.
इस तरह भी तो कई दोस्त दलदल में गए
कोई इस दल में गए, कोई उस दल में गए
पिता से हौसला, मां से दुआ मिले
इस तरह भी हर घर में खुदा मिले
बचपन चुरा के आती हो
बुढ़ापे से हार जाती हो
नादानी का नाम जवानी
खुद पे क्यों इतराती हो
वो जो सियासत की आड़ में हैं।
सब के सब अपने जुगाड़ में हैं।।
चंबल मुफ्त में बदनाम,डाकू तो।
कुछ संसद में कुछ तिहाड़ में हैं।।
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