गुरुवार, 12 जनवरी 2012

डॉलर में नहीं किया क्लेम,अब भरनी पड़ेगी रिकवरी

टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के चार अधिकारियों को सरकार से नहीं मिली राहत
डॉलर में नहीं किया क्लेम,अब भरनी पड़ेगी रिकवरी
नार्वे के एम माह के दौरे में डीए बिल वसूलने में हल्की सी चूक पड़ी महंगी

वर्ष 2000 में किए गए एक माह के नार्वे दौरे के डीए को क्लेम करने में टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के चार अफसरों की खुद की चूक से उन्हें रिकवरी भरनी होगी। प्रदेश सरकार की ओर से सेवानिवृति टाऊन प्लानर एमएस मल्होत्रा, सेवानिवृत टाऊन एंड प्लानर एआर सांख्यायन, स्टेट टाऊन प्लानर एएन गौतम और रिसर्च ऑफिसर आरपी मोगटा चारों अििधकारियों को प्रति अधिकारी 12326 रूपए सरकारी खजाने में जमा करवाने के आदेश दिए हैं। टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के प्रधान सचिव पीसी धीमान ने अपने आदेश में कहा है कि रिकवरी राशि पहले ही 1,15434 रूपए से कम कर 49302 रूपए कर दी गई है और यह रिकवरी चारों अधिकारियों को बराबर भरनी होगी। उधर प्रधान सचिव के फैसले से नाखुश उक्त अधकारियों ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार ने उन्हें राहत नहीं मिली, अत: फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
यह है सारा माजरा
टाऊन एंड कट्री प्लानिंग विभाग के उक्त अधिकारी सन 2000 में 30 अप्रैल से लेकर 31 मई तक नार्वे के दौरे पर गए थे। नियुमानुसार उन्हें दौरे के लिए सरकार की ओर से एडवांस राशि उपलब्ध करवाई गई थी। जून 2000 में उक्त अफसरों ने अपना डीए बिल सरकार के पास सबमिट करवाया। इस पर एजी ऑफिस से आपति लगने के बाद उक्त अधिकरियों ने दिसंबर में सप्लिमेंटरी बिल जमा करवाया,लेकिन तब तक डीए विल क्लेम का निर्धारित समय पूरा हो चुका था।
अफसरों के स्तर पर गलती
सरकार ने उक्त अधिकारियों पर 115434 रूपए की रिकवरी डाली थी। उक्त अधिकारियों के व्यक्तिगत निवेदन पर सरकार ने 21 मई 2011 के आदेश में घटाकर 49302 रूपए कर दिया। विभाग के प्रधान सचिव ने अपने आदेश ने कहा है कि उक्त अधिकारियों ने अपना टीए बिल नोर्व करंसी में क्लेम किए थे, यह अधिकारियों की ओर से चूक की गई थी। जब तक डोलर में क्लेम के बिल क्लेम किए गए तब तक इसकी उेड लाईन ओवर हो चुकी थी। इसी आधार पर अफसरों के दावे का खारिज किया गया।
कोर्ट में जाएंगे अफसर
सरकार के रिकवरी के इस फैसले के खिलाफ उक्त अधिकारी फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उनका कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से राहत नहीं मिली है, इसलिए इस मामले में वह अपील करेंगे। उन्होंने इसे कोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी करार दिया है। उधर सरकार की ओर से दलील दी जा रही है कि उक्त रिकवरी केंद्र सरकार के नियमों के आधार पर की जा रही है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी डीए बिल मामले में प्रदेश सरकार से राहत नहीं मिली है। प्रधान सचिव के आदेशों के खिलाफ कोर्ट में अपील में जाएंगे।
एएन गौतम, टाऊन एंड कंट्री प्लानर ।
अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि प्रति अधिकारी रिकवरी के तौर पर 12326 रूपए की राशि सरकारी खजाने में जमा करवाएं ।
पीसी धीमान, प्रधान सचिव टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग ।

कोई टिप्पणी नहीं :

एक टिप्पणी भेजें