गुरुवार, 19 जनवरी 2012

बेटी है अनमोल, खुल गई पोल

बढ गया प्रदेश के सबसे ज्यादा शिक्षित पांच जिलों में शिशु लिंगानुपात
बेटी है अनमोल, खुल गई पोल
हिमाचल प्रदेश जनगणना रिपोर्ट 2011 का खुलासा, परिवार कल्याण विभाग हुआ गंभीर

बच्चियों के वजूद को बचाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से शुरू किए गए बेटी है अनमोल कार्यक्रम सहित सभी 12 कार्यक्रमों की पोल खुल गई है। शिशु लिंगानुपात कम करने के लिए शुरू किए गए सारे कार्यक्रम धाराशायी हो गए हैं। प्रदेश के सबसे शिक्षित पांच जिलों में शिशु लिंगानुपात पहले के मुकाबले कम होने के बजाये और बढ़ गया है। हिमाचल प्रदेश जनगणना रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद प्रदेश के परिवार कल्याण विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं और रविवार को भविष्य के लिए रणनीति बनाने के लिए शिमला मेंविभाग के आला अफसर माथापच्ची करेंगे।
पंजाब के साथ सटे जिलों का रिकार्ड खराब
पड़ोसी राज्य पंजाब से सटे हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों में शिशु लिंगानुपात के आंकड़े परिवार कल्याण विभाग के लिए चैकान्ने वाले हैं। ऊना में 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग में हजार लडक़ों पर 870 लड़कियां, कांगड़ा में 873, हमीरपुर में 881, बिलासपुर में 893 जबकि सोलन में 899 लड़कियां पाई गई हैं। ये सभी जिले पंजाब से सटे हुए हैं , जहां शिशु लिंगानुपात हजार लडक़ों पर 846 लड़कियों का है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि पंजाब से सटे इन जिलों में प्राइवेट लैब लिंग परिक्षण और गर्भपात के गैर कानूनी धंधे में डटे हैं।
कम पढ़े, ज्यादा समझदार
जनगणना रिपोर्ट 2011 के अनुसार कम शिक्षित जिला में शिशु लिंगानुपात अपेक्षाकृत अधिक शिक्षित जिलों
के मुकाबले ज्यादा अच्छी है। चंबा में 1000 लडक़ों पर 950 ं, कुल्लू में 962, और सिरमौर 931 लड़कियां पैदा हो रही हैं जबकि शिमला में यह दर 922 और मंडी में 913 है।
बेटियों के पक्षधर कबायली
जनगणना रिपोर्ट में प्रदेश के दो कबायली जिले बेटियों के पक्षधर बन कर सामने आए हैं। किन्नौर जिला जहां लिंगानुपात 1000 पुरूषों के मुकाबले 818 है, उस जिला में शिशु लिंगानुपात 1000 लडक़ों के मुकाबले 953 है। लाहौल स्पीति में शिशु लिंगानुपात 1000 लडक़ों के मुकाबले 1013 हो गया है।
लिंगानुपात सुधरा, शिशु लिंगानुपात गड़बड़ाया
लिंगानुपात में प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ तीन जिलों हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी में शिशु लिंगानुपात में गड़बड़ा गया है। प्रदेश की आधी आबादी इन्ही तीन जिलों में बसती है। हालांकि मंडी जिला में शिशु लिंगानुपात प्रदेश के औसत शिशु लिंगानुपात से अधिक है लेकिन शिशु लिंगानुपात के राष्ट्रीय औसत 914 लड़कियां प्रति हजार लडक़ों से कम है।

शिशु लिंगानुपात का बढऩा गंभीर मुद्दा है। ऐसे में यह बात और भी गंभीर है जब प्रदेश सरकार की ओर से बेटी है अनमोल सहित लड़कियों के लिए 12 विभिन्न महात्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं और लिंग परीक्षण और गर्भपात रोकने के लिए कड़े कानून बनाए हैं।
बलबीर टेगटा, निदेशक जनगणना, हिमाचल प्रदेश।

हालांकि 2001 के मुकाबले 2011 की जनगणना में लिंगानुपात और शिशु लिंगानुपात में सुधार हुआ है लेकिन प्रदेश के शिक्षित राज्यों में बढ़ता लिंगानुपात खतरे का संकेत है। रविवार को आगे के लिए एक्शन प्लान बनाने के लिए बैठक हो रही है।
डॉ.डीएस चंदेल, निदेशक स्वासथ्य एवं परिवार कल्याण हिमाचल प्रदेश ।

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