गुरुवार, 12 जनवरी 2012

तकनीक का ज्ञान, संस्कारों की पहचान

हिमाचल प्रदेश के सभी तकनीकि संस्थानों में बनेंगे हेरीटेज क्लब
तकनीक का ज्ञान, संस्कारों की पहचान
अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद ने लिखा तकनीकि शिक्षा निदेशक को पत्र

हिमाचल प्रदेश के तकनीकि संस्थानों में अब तकनीक के ज्ञान के साथ स्टूडेंट्स संस्कारों की पहचान भी करेंगे। प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण को लेकर हुई अनूठी पहल के तहत ऐसे सभी संस्थानों में हेरीटेज क्लब गठित किए जाएंगे। देश भर में तकनीकि शिक्षा को संचालित करने वाली अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद के निर्देश के बाद प्रदेश के तकनीकि शिक्षा निदेशालय ने अपने संस्थानों में सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का खाका तैयार कर लिया है। इस कवायद के तहत देश में सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में जुटी संस्था सोसायटी फॉर परमोशन ऑफ इंडियन क्लासिक एंड कल्चर अमंगस्ट यूथ (स्पिक मैके) की सेवाएं ली जाएगी। अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद के कार्यकारी अधिकारी डा. एसएस मथा के निर्देश के बाद प्रदेश का तकनीकि शिक्षा निदेशालय इस बारे में सभी सरकारी व निजी तकनीकि संस्थानों को निर्देश जारी कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस प्रयास से हुनर में दक्ष टेक्रोक्रेट्स को सामजिक जीवन की भी बेहतरीन समझ पैदा होगी।
सांस्कृतिक मूल्यों का होगा संरक्षण
हर संस्थान में हेरीअेज क्लब गठित होगा, जिसमें एक टीचर और कम से कम पांच स्टूडेंट्स शामिल होंगे। क्लब स्प्कि मैके के 7 मोड्यूल में से साल में कम से कम तीन इवेंट्स आयोजित करेगा। क्लब की हर सप्ताह बैठक होगी और देश की धरोहरों को लेकर स्टूडेंट्स अपनी प्रेजेंटेशन देंगे। हेरिटेज क्लब की ओर से चयनित किए गए स्टूडेंट्स को स्पिक मैके की ओर से आयोजित होने वाले जोनल और राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने भेजा जाएगा।
हजारों स्टूडेंट्स ले रहे तकनीकि शिक्षा
हिमाचल प्रदेश में सरकारी और निजी क्षेत्र में 30 बहु तकनीकि संस्थान, 17 इंजिनियरिंग कॉलेज, 13 बी फर्मा कॉलेज, 191 आईटीआई संस्थान हैं। इन संस्थानों में 22,185 स्टूडेंट्स तकनीकि शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक बी फार्मेसी, 9 बहुतकनकि संसथानों और 81 आईटीआई के माध्यम से केंद्र प्रायोजित स्कीम के तहत 14,917 अतिरिक्त युवाओं को तकनीकि शिक्षा प्रदान की जा रही है। ऐसे में प्रदेश में 37102 स्टूडेंट्स तकनीकि शिक्षा हासिल कर रहे हैं।

सांस्कृतिक धरोहरों के प्रोत्साहन के दृष्टिगत तकनीकि संस्थानों के स्टूडेंट्स के अंदर सांस्कृतिक मूल्यों की पहचान के लिए परिषद की ओर से यह पहल की गई है।

डा. एसएस मंथा, कार्यकारी अधिकारी, भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद , दिल्ली।

भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद की ओर से मिले निर्देशानुसार सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए हर तकनीकि संसथान को ऐसे क्लब बनाने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
विजय चंदन, निदेशक तकनीकि शिक्षा, सुंदरनगर ।

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