शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

अंधेरा दूर करने में अंधेरगर्दी

अढ़ाई करोड़ फूंकने के बाद भी गरीबों के घर तक नहीं पहुंची रोशनी
अंधेरा दूर करने में अंधेरगर्दी
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना को पिछड़े द्रंग में दिखाया ठेंगा
176 परिवारों को उपलब्ध करवानी थी बिजली, मिली एक परिवार को

अंधेरा दूर करने के नाम पर जम कर अंधेरगर्दी मचाने के मामले का पटाक्षेप हुआ है। केंद्र सरकार की महात्माकांक्षी राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना को मंडी के पिछड़े इलाके द्रंग में ठेंगा दिखा दिया गया है। करोड़ों फूंकने के बावजूद गरीबों के घरों तक रोशनी पहीं पहुचाई गई है। हालांकि द्रंग के गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले 176 परिवारों को इय योजना के तहत बिजली सुविधा उपलब्ध करवाई जानी थी लेकिन योजना का निर्धारित समय पूरा होने के बावजूद सिर्फ एक परिवार को ही इस योजना का लाभ मिल पाया है। फरवरी 2009 में दिल्ली की एक कंपनी को 2 करोड़ 60 का काम आबंटित किया गया था और यह काम एक साल के अंदर पूरा करना था , लेकिन हकीकत यह है कि कंपनी की ओर से तय समय सीमा के अंदर आधा काम भी पूरा नहीं किया गया है। इतना ही नहीं कंपनी की ओर से अभी तक जो काम किया भी गया है, उसकी गुणवता को लेकर भी सवालिया निशान लगे हैं। इस योजना के तहत लगाए गए पोल धराशायी होने शुरू हो गए हैं तो बिछाई गई तार भी कई जगह लटकनी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि कंपनी को काम की ऐवज में भारी भरकम भुगतान भी हो चुका है। ऐसे में जहां कंपनी की कार्यप्रणाली शक के घेरे में है, वहीं विभाग के अधिकारियों पर भी अंगुली उठनी शुरू हो गई है। इस योजना में बड़े घोटाले की बू आ रही है। हालांकि कंपनी को फरवरी 2011 तक काम पूरा करने के आदेश जारी किए गए हैं।
न ट्रांसफार्मर लगे न लाईनें बिछी
सूत्रों के अनुसार द्रंग ब्लाक में इस योजना के तहत 16 ट्रांसफार्मर लगाए जाने थे, लेकिन अभी तक केवल 4 ट्रांसफार्मर ही स्थापित किए जा सके हैं। योजना के तहत एच और एलटी लाईनें भी बिछाई जानी थी लेकिन अभी तक लाईनें बिछाई ही नहीं जा सकी हैं। लाईनों के लिए पोल लगाने का काम भी गड्ढे खोदने से आगे नहीं बढ़ पाया है। ऐसे में साफ दिख रहा है कि तय समय सीमा के दो साल बाद भी द्रंग के गरीबों को बिजली नसीब होने की कोई सूरत नहीं दिख रही है।
कंपनी को लाखों का जुर्माना
निर्धारित समय पर काम पूरा न कर पाने पर कंपनी को 13 लाख रूपए का जुर्माना भी उाला गया है, लेकिन फिर भी कंपनी काम करने में गंभीर नजर नहीं आ रही है। बिजली विभाग की ओर से यह भी दलील दी जा रही है कि कंपनी को योजना पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। अगर कंपनी निर्धारित समय अवधि में काम पूरा नहीं कर पाती है तो कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होना तय है। कपाम की गुणवता को लेकर भी जांच शुरू हो गई है।

कंपनी को लेटलतीफी के लिए 13 लाख का जुर्माना किया गया है। कंपनी को नोटिस जारी कर फरवरी तक काम पूरा करने को कहा गया है। कंपनी पीर कानूनी कार्रवाई की तैयारियां चल रही हैं।

परवेश ठाकुर, अधिशाषी अभियंता, विद्युत मंडल जोगेंद्रनगर ।

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