रविवार, 25 अगस्त 2013

सुरक्षा और प्राथमिकता


वो लोग भूख से इतने डरे हैं 
खा जाना चाहते हैं 
हर गरीब के हिस्से की रोटी
उनके पास कहां है दम 
जो दे सकें 
जिंदगी को चुनौती 
हर रोज 
वो लूट लेना चाहते हैं 
अपनी अगली नस्लों के लिए
दुनिया भर के खजाने
वो सुरक्षित करना चाहते हैं
अपने कुनबे का भविष्य
वो मेरी तरह कभी
कविता लिखने का
जोखिम नहीं लेते
क्योंकि , उनको
गीत संगीत जिंदगी
सबसे जरूरी है आर्थिक मजबूती
अपनी प्राथमिकता उन्हें
हर दम याद रहती है
हालांकि,
जीवन उनके लिये
उत्सव से ज्यादा स्टॉक एक्सचेंज है

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